मन तो चंचल इधर उधर भटकता रहता, आत्मा तेरे दर्शन की प्यासी है ह्दय के अंदर बसा मेरे भोले ,हिमालय तू केदारवासी है जीवन की इस डूबती नैया को पार लगा ले जन्म मृत्यु से आजाद कर अपने मे समा ले आस है जीवन मे तेरे द्वादश ज्योतिर्लिंग के दशर्न करु एक बार तो महादेव केदारनाथ बुला ले जय श्री केदारेश्वर महादेव की हर हर महादेव शिव शम्भू ©बलवन्त जय श्री केदारनाथ #केदारनाथ