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किसी पुराने किस्से में वो बात वहां महफूज़ रही इश्क

किसी पुराने किस्से में
वो बात वहां महफूज़ रही
इश्क़ वहीं महफूज़ रहा
वो शाम वहां महफूज़ रही

महफूज़ रहे हैं वही ठिकाने 
वो चाय जहां महफूज़ रही
मुश्किल से जब वो कहती थी
वो bye वहां महफूज़ रही 

दोस्त पुराने वही रहे 
कुछ रंगबाजी के किस्सों में
होली के  उन रंगभरे ,
रंगीले से हिस्सो में

वो शहर पुरानी गलियों में
गंगा की उन मौजों में
देर शाम जो चलती थी
वो सर्द हवा महफूज़ रहीं

इश्क़ वहीं महफूज़ रहा 
वो बात वहीं महफूज़ रही।

©rendom_thaughts #rendom_thaughts
#memories❤ #poetry
किसी पुराने किस्से में
वो बात वहां महफूज़ रही
इश्क़ वहीं महफूज़ रहा
वो शाम वहां महफूज़ रही

महफूज़ रहे हैं वही ठिकाने 
वो चाय जहां महफूज़ रही
मुश्किल से जब वो कहती थी
वो bye वहां महफूज़ रही 

दोस्त पुराने वही रहे 
कुछ रंगबाजी के किस्सों में
होली के  उन रंगभरे ,
रंगीले से हिस्सो में

वो शहर पुरानी गलियों में
गंगा की उन मौजों में
देर शाम जो चलती थी
वो सर्द हवा महफूज़ रहीं

इश्क़ वहीं महफूज़ रहा 
वो बात वहीं महफूज़ रही।

©rendom_thaughts #rendom_thaughts
#memories❤ #poetry