इस खोये हुए बाजार में , मैं दार्शनिक दिखलाता हूं कुछ पाने की कोशिश में , विधार्थी बन जाता हूं अपनी निजता की छवि में , अपना भोलापन दिखलाता हूं कुछ सपने की ख्वाहिश में , मैं खोया हुआ सा रहता हूं ! दूसरो की बगिया संवारने में , मैं वीर पुरुष सा रहता हूं गरीबों की सेवा भाव में , मैं बालक बन जाता हूं देश की रक्षा में , अपना सैनिक धर्म निभाता हूं !! बालकों की वात्सल्य में , मैं छोटा बालक बन जाता हूं सदैव दूसरों की आन के लिए , मैं खोया सा रहता हूं !! कहाँ खोए हुए हो.. #कहाँखोएहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi