कटार है सितार है तलवार है ! किसी के लिए दिलवर तो किसी के लिए दिलदार है। इश्क़ के इल्ज़ाम से नवाज़े जाते हैं! हुस्न वालों पर ही तो ये सारी तक़रार है। क़यामत के दिन ज़बाब देना! कौन कितना खुद्दार है? और कौन कितना गद्दार है। कटार है सितार है तलवार है ! किसी के लिए दिलवर तो किसी के लिए दिलदार है। इश्क़ के इल्ज़ाम से नवाज़े जाते हैं! हुस्न वालों पर ही तो ये सारी तक़रार है। क़यामत के दिन ज़बाब देना!