हल - चल बाली सड़कों पर आज गुमनामी सी छाई है। आज शहर भी कई अर्सो बाद सोया है! जो धरा मनुष्य के शोरगुल से सहम सी गई थी, वह कई अर्सो बाद आज़ फ़िर से मुस्काई है! आज प्रकृति के उन जीवो की आवाज समझ आई है!! जिस आवाज को मनुष्य कई अर्सो पहले भूल गया था.... हमने भी उसे (प्रकृति) खूब सताया है! अब हमारी बारी आई है!! हम ना इन्साफी की बाते करते रहे, अब इन्साफ की बारी आई है! हमने भी हर मोड़ पर उससे खेला है! अब उसकी हमसे खेलने की बारी आई है!! अभी तक हमने सुकून की नीद सोई है! अब कई अर्सो बाद उसके सोने की बारी आई है!! कभी हमने जंगलो को उजाड़ कर नए नए शहर वसाये है! अब शहरों को उजाड़ कर जंगलों को बसाने की बारी आई है!! #save_nature#protect_nature ❣️❣️🤫🤫❣️❣️ गुमnam मुसाphir 🖋️ #savethenature #protect_nature #caring_nature #loving_nature Suman Zaniyan