सुनों,
मुझे करनी है मोहब्बत तुमसे, ऐसी,
जैसी गौरी ने की थी, शिव से..,
वैसे तो हलाहल धारी जग कहता है इन्हें,
पर पिया था अकूत विष, सती ने भी,
शिव से बिछड़कर विरह का,
अनन्त तपस्या से पाया था प्रिय को, #Prem#mohabbat#rzpictureprompt#rzpicprompt4124#anant_tak