सत्य ही विजेता है -------------------- सच्चाई की लाज लुट रही , झूठ कर रहा चीर हरण । सच्चाई के हरण के लिए, झूठ ने बदले नए आवरण।। सत्य के भी पैरोकार बहुत , फिर इसपर संकट भारी । झूठ ने ऐसा व्यूह रचाया , दुबक रही है मारी मारी ।। समय आ गया ऐसा भैया, लोग अधिकतर झूठ के साथ । किंतु जब जान गले को आती, करने लगते सच की बात ।। यही तो सच की ताकत है , यह युगों युगों से जिंदा है। छली प्रपंची नटखट झूठ, हर युग मे हुआ शर्मिंदा है ।। पुष्पेन्द्र "पंकज" ©Pushpendra Pankaj सत्य ही विजेता है