हुआ अगर मुकदमा अदालत-ए-दिल में, तो क्या कोई गवाह नहीं होगा आया अगर चांद तारों की महफ़िल-ए-इश्क में, तो क्या नीलाम नहीं होगा कैसे समझाऊं उन्हें जो करतें हैं फिक्र बदनामी की, अरे..... अगर हुए बदनाम तो क्या नाम नहीं होगा। #mahfil_e_ishq #badnaam #badnaamshayari #naam #mukdama #chand #mashoor