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मछली पकड़ने पर इंसान को कितना आनंद आता है, लेकिन ब

मछली पकड़ने पर इंसान को कितना आनंद आता है,
लेकिन बिना ऑक्सिजन के मछली
कैसे तड़प–तड़प कर मर जाती है,
उसमे भी प्राण थे,
आज यही चीज़ इंसान महसूस कर रहा है,
हम प्रकृति से छेड़छाड़ करेंगे
तो देर सवेर हमें नतीजा मिलेगा ही,
प्रकृति से प्रेम करो छेड़छाड़ नहीं,
शाकाहारी बनो…
🐟मेरे विचार…✍️


.

©SHAYAR (RK) #कोविड19  कोरोना कुदरत का कहर या इंसान की गलतियों का खामियाजा
मछली पकड़ने पर इंसान को कितना आनंद आता है,
लेकिन बिना ऑक्सिजन के मछली
कैसे तड़प–तड़प कर मर जाती है,
उसमे भी प्राण थे,
आज यही चीज़ इंसान महसूस कर रहा है,
हम प्रकृति से छेड़छाड़ करेंगे
तो देर सवेर हमें नतीजा मिलेगा ही,
प्रकृति से प्रेम करो छेड़छाड़ नहीं,
शाकाहारी बनो…
🐟मेरे विचार…✍️


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©SHAYAR (RK) #कोविड19  कोरोना कुदरत का कहर या इंसान की गलतियों का खामियाजा
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