अभी भी जिंदा है उसका प्यार दिल में मेरे, मत सोचना कि बदल गया हूँ मैं। हाँ इस ज़माने से धोखा खाने के बाद, जरा सा सम्हल गया हूँ मैं। कभी उड़ने की ख्वाहिशें पाल रक्खी थी मैंने, अब पैरों के नीचे कुचल गया हूँ मैं। मुझे कितना ही धिक्कारता रहे ये ज़माना चाहे, खुदा की रहमतों में पल गया हूँ मैं। दुश्मनों को चुभना तो लाजमी है माना मगर, अपनों की नज़रों में भी खल गया हूँ मैं। लोग कहते थे बड़ा खोटा सिक्का हैं "कुमार", पर देखो बड़ी कीमत में चल गया हूँ मैं। #खोटा_सिक्का