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जब बसते थे हम कमीनो की बस्ती होती थी यारो के संग म

जब बसते थे हम कमीनो की बस्ती
होती थी यारो के संग मे वो मस्ती
तब होती थी मसती भी सस्ती
जब बसते थे हम कमीनो की बस्ती..
न रही अब वो हराम की हस्ती
टूटी कैसे वो यारों की कस्ती
होती जहॉ थी मुफत की गस्ती
बसते थे जब कमीनो की बस्ती
.. Pt. Ashwani Mishra #NojotoQuote
जब बसते थे हम कमीनो की बस्ती
होती थी यारो के संग मे वो मस्ती
तब होती थी मसती भी सस्ती
जब बसते थे हम कमीनो की बस्ती..
न रही अब वो हराम की हस्ती
टूटी कैसे वो यारों की कस्ती
होती जहॉ थी मुफत की गस्ती
बसते थे जब कमीनो की बस्ती
.. Pt. Ashwani Mishra #NojotoQuote