भोळे की आस थी, सती को शिव की साथ रही. जीवन दोना का ही अलग था. कहा वेरागी, कहा मेहलो की राणी, फिर भी प्रेम की परिभाषा रची. सती शिव की आर्धांगी बनी. ©Gayatri Modhave भोळे की आस थी, सती को शिव की साथ रही. जीवन दोना का ही अलग था. कहा वेरागी, कहा मेहलो की राणी, फिर भी प्रेम की परिभाषा रची. सती शिव की आर्धांगी बनी.