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अरे प्रिऐ.... मन के समन्दर मे उठी आकाँक्षाओ की लहर

अरे प्रिऐ....
मन के समन्दर मे उठी आकाँक्षाओ की लहरें कभी रूक सकती है,
 क्या भला....?
वो तो बस घटती है और बढती है....
खत्म नही होती
खत्म हुई जो ,
तो निर्वाण मिला समझो....

©jagat Raghuvanshi #samandar#sayari #Dil #NirwanDairy #MOKSHA  Golden Navbharat Anwesha Rath Rajput writes Akhilesh Soni Life Coach सुमन
अरे प्रिऐ....
मन के समन्दर मे उठी आकाँक्षाओ की लहरें कभी रूक सकती है,
 क्या भला....?
वो तो बस घटती है और बढती है....
खत्म नही होती
खत्म हुई जो ,
तो निर्वाण मिला समझो....

©jagat Raghuvanshi #samandar#sayari #Dil #NirwanDairy #MOKSHA  Golden Navbharat Anwesha Rath Rajput writes Akhilesh Soni Life Coach सुमन