होश में किया कर काम पगले सुबोह शाम बोला कर राम पगले इच्छाएं तेरी उछल रहीं अब ज़रा इनको तू थाम पगले मांँ बाप ने तुझे बड़ा किया उनको इज़्ज़त का दे ईनाम पगले दुनिया यहाँ स्वार्थी बन रही ख़ुशियों का ख़ुद कर इंतज़ाम पगले गर जीना चाहता है ज़िंदगी 'भारत' हर प्याले में भर तू जाम पगले #Pagle #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #Ghazal