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भा - भारत का भाव्य आरम्भ , भासकर से प्रारम्भ

भा  - भारत का भाव्य आरम्भ  , भासकर  से  प्रारम्भ  हुवा l
        भा - का  अर्थ  ग्यान , रत  - का  अर्थ  लीन ' हुवा  ll
        भगीरत , भ्रिगु ,भरत  मुनी ,भिष्म,जैसे    संत , हुये  l
        भागवत  गीता , वेद  पुराण ,रामायण  जैसे   ग्रथ           
        भगवान  स्वं  लिखे l
       भारत  की पावन भुमी पर नारायण के दश अवतार हुये 
       भागीरत  की भकती  से भुमी पर गंगा का  अवतरंण हुवा l

 र -. रति ,सती , राधा ,रम्भा ,रुद्र पुरूष  माँ  प्रक्रति  हुई l
      रचना  इन्ही से है  जगत  की , पहचान हमारी संस्कृती हुई ll
      रक्त बीज ,राक्षस ,रावन , और  राम भी जन्मे  है यहाँ  l
      रंक ,राजा , ऋषि मुणी ,रणज़ीत कृष्ण  भी जन्मे  यहाँ  ll

त -तपो भुमी तपश्यो की तीर्थ तटो हर घाटो  पर l
    तपता सूरज भी तप  करे कैलाश की ऊची चोटी पर ll
    तत ,ततिक ,घिन्न ,तिरकित ,तुन्ना ,ध्वनी स्वरो का विस्कार हुवा 
   तपो भुमी सूर वीरो की ,तब असुरो का नाश हुवा  ll
   स्तम्भ है ये विश्व का  ,भारत अतभुत ,आतुल्य  है l
  ये वैदिक भारत ये दैविक  भारत ये सनातन अमुल्य है ll

         वंदे -मात्रम

©Leeladhar Dhote
  bharat ka bhavarth

bharat ka bhavarth #Mythology

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