Nojoto: Largest Storytelling Platform

अंगड़ाइयां लेती हुई कलम जो थामी है आपने हाथों में.

अंगड़ाइयां लेती हुई कलम जो थामी है आपने हाथों में... जैसे कोई महबूबा झूम रही हो अपने यार के बाहों में.... जैसे कह रही हो लिख दो ऐसी गीत कि सारी दुनिया देखती रह जाए ..
और खटकने लगे आप लिब्रंडु वामपंथी देशद्रोहियों की आंखों में....
 मगर डरना नहीं है ....
 मगर...    डरना नहीं है....
 इस जालिम दुनिया से..
 क्योंकि हमारी दुआएं थाम रखी है आपने अपने हाथों में....

     रंग कवि #ऋषभ 

_ Rishabh Kumar jaiswal #thirdpoem 
#politicalmatter
unke liye jo bekhof likhte h political Matter pr
अंगड़ाइयां लेती हुई कलम जो थामी है आपने हाथों में... जैसे कोई महबूबा झूम रही हो अपने यार के बाहों में.... जैसे कह रही हो लिख दो ऐसी गीत कि सारी दुनिया देखती रह जाए ..
और खटकने लगे आप लिब्रंडु वामपंथी देशद्रोहियों की आंखों में....
 मगर डरना नहीं है ....
 मगर...    डरना नहीं है....
 इस जालिम दुनिया से..
 क्योंकि हमारी दुआएं थाम रखी है आपने अपने हाथों में....

     रंग कवि #ऋषभ 

_ Rishabh Kumar jaiswal #thirdpoem 
#politicalmatter
unke liye jo bekhof likhte h political Matter pr