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प्रेम और शुकून की चाह में, निकले थे हम आखिरी बार,

प्रेम और शुकून की चाह में,
निकले थे हम आखिरी बार,
जिंदगी की राहों में ,
पर............ वहां से भी,
 दर्द और आंसुओं का,
सौदा ही कर लाए।

©kamlesh pratap singh #Thinking  shayari sad sad shayri
प्रेम और शुकून की चाह में,
निकले थे हम आखिरी बार,
जिंदगी की राहों में ,
पर............ वहां से भी,
 दर्द और आंसुओं का,
सौदा ही कर लाए।

©kamlesh pratap singh #Thinking  shayari sad sad shayri