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मैं खामोश हूँ क्योंकि….. सुकून मिलता है मुझे, पर न

मैं खामोश हूँ क्योंकि…..
सुकून मिलता है मुझे,
पर न जाने क्यों हुई हैं,
ज़माने को परेशानियाँ,
इसे क्यो चुभता है ऐसे,
मेरा हर पल चुप रह जाना,
बोलना भी तो खटकता था,
और मेरा सच बताना भी,
नक़ाब उतर जाता है खुद ही,
या इसलिए कि बर्दाश्त नहीं,
होता इनको अपना सत्य ही,
जिसे भुला चुका था ज़माना,
स्वयं को महानतम बताने के,
लिए निम्नतम हो गया है। ❤प्रतियोगिता-597❤
   
👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 170👍🏻

🤗आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्द सीमा चित्र के ऊपर ही अंकित हो सके उतनी रहे I🤗

🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दी हुई चुनौती को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
मैं खामोश हूँ क्योंकि…..
सुकून मिलता है मुझे,
पर न जाने क्यों हुई हैं,
ज़माने को परेशानियाँ,
इसे क्यो चुभता है ऐसे,
मेरा हर पल चुप रह जाना,
बोलना भी तो खटकता था,
और मेरा सच बताना भी,
नक़ाब उतर जाता है खुद ही,
या इसलिए कि बर्दाश्त नहीं,
होता इनको अपना सत्य ही,
जिसे भुला चुका था ज़माना,
स्वयं को महानतम बताने के,
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🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दी हुई चुनौती को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

❤प्रतियोगिता-597❤ 👍🏻चित्र प्रतियोगिता - 170👍🏻 🤗आज की चित्र प्रतियोगिता के अंतर्गत आपको चित्र को ध्यान में रखते हुए लिखना है I ध्यान रहे कि शब्द सीमा चित्र के ऊपर ही अंकित हो सके उतनी रहे I🤗 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दी हुई चुनौती को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।