उड़ता है वो घोर पवन में,लड़ता तूफानों में, पंख नहीं मचलते उसके हवा के ऊफानों में। हिम्मत उसकी खत्म न होती,हो जाता आकाश खत्म, निश्चय उसके अटल हैं होते,चाहे भूमि हो या नभ। ऐसा उड़ता चीरता वेग को,उड़ता है वो निर्भय, श्येनों की टोली हो चाहे नीरद की हो गर्जन। मंज़िल पाने की आकांक्षा साहस उसमें भरती, उड़ता जाता,उड़ता जाता,उड़ता जाता तन्मय। ज्यों कनक को अग्नि लागे तो वो चमक दमक है जाती, त्यों ही अपनी वेदना को शस्त्र बनाता जाता। क्रोधित होता,शांत होता,विचलित कभी न होता, चंचलताओं को लांघ कर है धैर्यवान बन जाता। नियमित बहती उड़ानें उसकी संयमित होती जाती, प्रचण्ड, सहस्त्र विपदाओं से भी पार निकलता जाता। बुद्धिमान वो उत्सुक नहीं,प्रफुल्लित होता जाता, खुद ही से प्रेरित होकर निर्भय उड़ता है वो जाता। #THETRUTH BE A WINNER On YOUTUBE #hindi #positive #life #motivation #poetry #khaksaar #खाकसार