लौटा जो सज़ा काट के वो बिना जुर्म की, घर आ के उसने सारे परिंदे रिहा कर दिए, ___________________________ 《मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा》 लौटा जो सज़ा काट के वो बिना जुर्म की घर आ के उसने सारे परिंदे रिहा कर दिए,