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लम्हा लम्हा वक्त कुछ यूँ गुजर जाता है... तुझे भुला

लम्हा लम्हा वक्त कुछ यूँ गुजर जाता है...
तुझे भुलाने का सोचूँ तो ये दिल मुकर जाता  है..
दिन भर तुझे सोचने का असर ये हुआ है...
आँखे मूँदूँ तो तेरा चेहरा नज़र आता है.. प्रेम की कविता
लम्हा लम्हा वक्त कुछ यूँ गुजर जाता है...
तुझे भुलाने का सोचूँ तो ये दिल मुकर जाता  है..
दिन भर तुझे सोचने का असर ये हुआ है...
आँखे मूँदूँ तो तेरा चेहरा नज़र आता है.. प्रेम की कविता