कश्ती डूब ही जाती मेरी गर यार तेरा सहारा न होता, मैं डूब ही जाती उसमें! गर तुझ जैसा मेरे पास दोस्त प्यारा न होता, तू मेरी ज़िंदगी में बांध जैसा है मैं यूँ न ठहरती कभी अपनी कश्ती लेकर,, गर तेरे जैसे बंदरगाह का सहारा न होता©अरुणा kp® #हिंदीनोजोटो #Hindi #मेरे_दोस्त_मेरी_जान राघव रमण (R.J.)