फ़िर उतर आइए कागज़ पर स्याह बन कलम की राह से शोध रहें हैं हम सभी आपको अश्रुधार संचित निगाह से विजय यात्रा का समापन अभी तक तो हुआ न था "हृदय" क्यों छोड़ गए "विराट" विराट शोक में आह तक वाह से... -रेखा "मंजुलाहृदय" चंद लोगों का जाना सदमा दे जाता है और आपका यूँ चले जाना भईया मेरे लिए विश्वासघात समान है, कलम आज स्याह से नहीं अश्क़ों से चली है... "ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करें" बस इतना बोलने में मुझें 8 घंटे लग गए पर सच कहूँ अभी भी ये सब बातें मुझें अफ़वाह-सी लग रही हैं...!!! @RIPMOSTTALENTED_VIRATKAUSHIK_BHAIYA ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" ° भईया! क्यों यूँ छोड़ जाना इतना ज़रुरी हो गया था...??? #Oct 26th, 2021 @12:15 am