,,,, सावन की बरसात भी अब अधूरी लगती है ,तुझे खोकर सबकुछ पाया मगर फिर भी ये चाहत अधूरी लगती है ,चलता हूं इस ज़िन्दगी के सफ़र में अकेला, मगर तेरे बीन ये सफ़र मुकमल्ल अधूरी रहती है,,, Mr,,Abhijit #kuch yaadein