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पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता । प्रसादं

पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता । प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥
अर्थात:–
वह एक उभरे हुए शरीर पर सवार थी और भयंकर क्रोध के हथियारों से सुसज्जित थी।  वह चंद्रघंटा के नाम से विख्यात हैं और मुझ पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं।

©YumRaaj YumPuri Wala
  #navratri #मांचंद्रघंटा **जय माता की**