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सपने से हकीकत में आने के रास्ते में एक आवाज आई थी,

सपने से हकीकत में आने के रास्ते में
एक आवाज आई थी,
ए...इंसान मेरे जिस्म को यूं मत ढूंढ।।
सच्चा प्रेम करता है 
तो झांक अपने अंदर।
तेरे अंदर तो सूर्य जैसी मेरी रूह है।।
यह रक्त मांस से बना जिस्म 
किस काम का,
जो हवस की आग में ही बुझ जाता। #Narazgi #प्रेम_प्रसंग
सपने से हकीकत में आने के रास्ते में
एक आवाज आई थी,
ए...इंसान मेरे जिस्म को यूं मत ढूंढ।।
सच्चा प्रेम करता है 
तो झांक अपने अंदर।
तेरे अंदर तो सूर्य जैसी मेरी रूह है।।
यह रक्त मांस से बना जिस्म 
किस काम का,
जो हवस की आग में ही बुझ जाता। #Narazgi #प्रेम_प्रसंग