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अश्क बहते रहे दिल की दिवारों पर हम टूटते रहे किसी

अश्क बहते रहे दिल की दिवारों पर हम टूटते रहे किसी मकान कच्चे की तरह

चांद बुझ गया वो सो गई हमें परे रख कर खिलौने सा किसी बच्चे की तरह

©हिमाचली_बाबा #हिमाचली_बाबा
#subhii
अश्क बहते रहे दिल की दिवारों पर हम टूटते रहे किसी मकान कच्चे की तरह

चांद बुझ गया वो सो गई हमें परे रख कर खिलौने सा किसी बच्चे की तरह

©हिमाचली_बाबा #हिमाचली_बाबा
#subhii