घोंसला छोड़कर वो वीरान कर गया इस आलम को.. ये दरख्त आज भी गुमसुम खड़ा है.... धीरे-धीरे पत्ते भी छोड़ रहे हैं शाखों को.... ए खुदा क्या सच में सूखा पड़ा है... -manish choudhary #sookha