टूटते तारों से भी करी थी विनती हर पहर दुआ करी,तो बस उसके नाम की समुद्र सी वो, उसमें एक लहर बनने की ख्वाइश थी जो खो दूं उसे, तो किसी और की चाहत नहीं @theforgingwords