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मेरी कमियां भी अपनायी,  मेरा गुस्सा भी सम्भाला जब

मेरी कमियां भी अपनायी,  मेरा गुस्सा भी सम्भाला
जब जब मैं लड़खड़ाया , तब तब मुझे सम्भाला 

मेरी गलती पर मुझे माफ़ किया, हरदम मेरा साथ दिया !
मेरी इक मुस्कान को, अपना गुस्सा त्याग दिया.. 

दोस्त बन समझाया, माँ बन के डाँटा 
प्रेम मुझसे कितना है, बिन कहे जताया 

.. अब जब खोने की नौबत आयी 
.. तब अपनी करनी पर लानत आयी 

इतना होने पर भी माफ़ किया, मुझे खुद के पास किया
अब भी जो ना समझूँ मैं तो,  इससे बड़ा क्या पाप किया  मेरी कमियां भी अपनायी,  मेरा गुस्सा भी सम्भाला
जब जब मैं लड़खड़ाया , तब तब मुझे सम्भाला 

मेरी गलती पर मुझे माफ़ किया, हरदम मेरा साथ दिया !
मेरी इक मुस्कान को, अपना गुस्सा त्याग दिया..

दोस्त बन समझाया, माँ बन के डाँटा 
प्रेम मुझसे कितना है, बिन कहे जताया
मेरी कमियां भी अपनायी,  मेरा गुस्सा भी सम्भाला
जब जब मैं लड़खड़ाया , तब तब मुझे सम्भाला 

मेरी गलती पर मुझे माफ़ किया, हरदम मेरा साथ दिया !
मेरी इक मुस्कान को, अपना गुस्सा त्याग दिया.. 

दोस्त बन समझाया, माँ बन के डाँटा 
प्रेम मुझसे कितना है, बिन कहे जताया 

.. अब जब खोने की नौबत आयी 
.. तब अपनी करनी पर लानत आयी 

इतना होने पर भी माफ़ किया, मुझे खुद के पास किया
अब भी जो ना समझूँ मैं तो,  इससे बड़ा क्या पाप किया  मेरी कमियां भी अपनायी,  मेरा गुस्सा भी सम्भाला
जब जब मैं लड़खड़ाया , तब तब मुझे सम्भाला 

मेरी गलती पर मुझे माफ़ किया, हरदम मेरा साथ दिया !
मेरी इक मुस्कान को, अपना गुस्सा त्याग दिया..

दोस्त बन समझाया, माँ बन के डाँटा 
प्रेम मुझसे कितना है, बिन कहे जताया
sumitpandey1802

Sumit Pandey

New Creator