माँ वो खूब ज़ोर से चिलाती है जब मुश्किल उसके बच्चों पर आती है उसकी खुद की अधमरी ख्वाहिशें गूंगी है और वो मेरी हर ज़िद की आवाज़ बन जाती है माँ समझाती है मनाती है डांट लगती है तन्हाइयों के अंधेरे में दोस्त बन जाती है अपने तन मन की पीड़ा को चुप्पी से सहती बच्चो को देख दर्द में झट रोने लग जाती है पिता से बाते मनवाने को मैजिक ट्रिक हो जाती है संस्कारी बहु,परफेक्ट बीवी,प्यारी बहना,वंडर वीमेन इतनी किरदार एक साथ संतुलन से कैसे निभाती हो गूगल भी न दे जिसका सोलुशन वो सुपर वीमेन सुलझाती है बढ़ते बच्चे है मगर उम्र उसकी घटती जाती है घर की कर्ता धर्ता दृढ़ता से कर्तव्यों को निभाती है प्यार तेरा माँ ताक़त देता हर संतान यही बतलाती है लम्बी आयु,अच्छा स्वास्थ इसी दुआ को हाथ उठाती है #happymothersday