परिहास करके मसनूई और अधूरी चाहतों का, नीलाभ के कद समान, सपनों का कारवाँ सजाएंगे, मन मयूरा सा नाच उठे,ऐसा कामयाबी का मेघ बरसाएंगे, उफनती नदी के भँवर भी मंजिल की तरफ बढ़ते कदमों को ना रोक पाएंगे। विशिष्ट प्रतियोगिता काव्य-ॲंजुरी✍️ विशिष्ट प्रतियोगिता में आपका स्वागत है। नियम :- 1. समय सीमा : 2 घंटे ( 9:00 pm - 11:00 pm ) 09.01.2021