बाहर झमझम बरखा बरसे भितर बरसे अखियाँ जब जब कडके ये बिजुरियां धड़के माेरी छतियां बैरी बलमूआं परदेश गयाे है सूनी करके रतियां जाने काैन सी ठगिनी के बस में हाे के बिसरा बैठे है हमरी पीरीतियां चढ़ते सावन भी तु काहे लागे मलिन पूछे माेसे सखियाँ कासे कहूं ओ हरजाई बलमूआं हर पल आवे याद ताेहरी मीठी बतियां निगाेड़ी पूरवैया दस्तक दे दरवाजे पर बार बार छनकावे माेहे उठा के काची निंदियाँ शुक्रिया दाेस्ताें याद करने के लिए🙏 सावन #बरसात ##विरह #yqbaba #yqdada #yqdidi #yqdidihindi #yqdiary #yqlove