इश्क़ खत्म हुआ तो कुछ ऐसे खत्म हुआ जनाजे पर मिट्टी गिरी मगर नाम रोशन हुवा हौले से सब गुफ्तगू भी खामोशी मे तब्दील हुई इक खिलौना खोने से दिल बच्चा परेशान हुवा बैठे बिठाए याद में आँखों से जब अश्क़ गिरा दिल तो हल्का हुवा नही मंजर भारी बेचैन हुवा उसकी याद मुझमे इस कदर भी दफन हो गई पुरखो की जब याद आई तो जाना वतन हुवा अब सदाए भी होंठो से बमुश्किल निकलती है उसे आवाजे दे दे कर गले में आबला सूजन हुवा हम से बिछड़कर वो भी किस क़दर अब बेचैन है दश्त का पंछी दश्त छोड़कर कितना हलकान हुवा ©Rashid MoMeen #shayrilover #HappyRoseDay