क्या ही नयी बात थी, वही पुरानी रात थी, यार ख्वाब था एक, तू उसमें मेरे साथ थी, ये कल नहीं आज है, तेरा मिलना भी तो जैसे ख्वाब है, रात अंधेरी हो जाती है, वही भूल पुरानी हो जाती, चाहता नहीं तुझे याद करूं, पर आदत वही पुरानी है, तू ही ख्वाबों की रानी है, रहूं जागता रातों को तेरी ही मेहरबानी है, बेगैरत तेरे लिये ये आँसू कहाँ ये तो बस पानी है, मैं तो खुद से बस इतना ही कहता रहता हूँ, ख्वाबों में फिर से खो ना जाना, यार विराट याद में उसकी पागल फिर से हो ना जाना...!!! ©Virat Tomar #you #me #khwab #Raat #roseday