शुक्रगुजार हूँ, मै तुम्हारा ऐ ज़िंदगी, क्योंकि तुमने इतनी सी छोटी में बहुत कुछ सिखलाया है ।। इतनी ही छोटी उम्र में तुमने मुझे अच्छे लोगों और बुरे लोगों से मिलवा दिये हैं ।। मैं शुक्रगुजार उन तमाम बुरे लोगों का जो मेरी सफलता के पीछे दीवार बनकर खड़े हैं,, और मुझे हमेशा कुछ न कुछ सीख देते रहते हैं ।। और मैं शुक्रगुजार हूँ उन तमाम अच्छे लोगों का जो मेरे हौसला को बुलंद कर उस चोटी तक पहुंचाने में मेरा मदद करते रहते हैं ।।