अलग ही मज़ा है यारों, अपने पहाड़ का कुछ ऋतु की गर्मियां, कुछ ऋतु है जाढ़ का वादियों की गोद में, बिछा पड़ा रे आसमां प्यार की उमंग है महीना, आषाढ़ का । पेय में यहां के एक, अलग ही मिठास है व्यक्तियों के साथ में , अपनत्व का अनुभास है ज्ञानकारी शैल से, मिल चुके चित्रण कई प्रेमरूपी भाव से, रचा हुआ इतिहास है । शोर से कई परे, हर जगह बस शांत है मन की वाचलता से मुक्ति, हर तरफ एकांत है साथ मिलकर सब चले, ये धर्म का उपदेश है देवों की भूमि में जन्मे, अनेक चंद्रकांत हैं । #देवभूमि उत्तराखंड ❣️❣️ @The_poetry_pot #Uttrakhandi ❣️ #Welovedourcultures❣️ #Freestyle 🔥✍️ #Pahadi💯