उनसे फ़ासला कम दूरियाँ ज़्यादा थी होंठो की ख़ामोशी दरमियाँ ज़्यादा थी मेरी दुआएँ जो क़बूल ना की गयी ख़ुदा के पास अर्ज़ियाँ ज़्यादा थी हम जो बिछड़े तो समझ आया वो दोस्ती नहीं यारियाँ ज़्यादा थी एक वक़्त के बाद सब ख़त्म हो गया उनकी ग़लती नहीं ग़लतियाँ ज़्यादा थी ©Aparna Mishra #उनसे फ़ासला कम दूरियाँ ज़्यादा थी होंठो की ख़ामोशी दरमियाँ ज़्यादा थी मेरी दुआएँ जो क़बूल ना की गयी ख़ुदा के पास अर्ज़ियाँ ज़्यादा थी हम जो बिछड़े तो समझ आया वो दोस्ती नहीं यारियाँ ज़्यादा थी