ना करो आघात , अपनी बातों से वज्रपात अगर निभा न सको साथ , न ला सको नव प्रभात , न करना किसी को शब्द बाणों से आहत ग़र दे न सको किसी को ग़मों से राहत । बन सको तो बनो मरहम ,दर्द से दिलाओ निजात सुकून दे दुख के वक्त में ,ऐसी करो बात , बेसहारा और बेबस का बन जाओ साथ , भूल जाओगे सब ग़मों को और वक्त के आघात ।। © रिमझिम raahat #nojotohindi#poetry#thoight#nojotoquotes#feelings