ज़ुल्म सहते हो क्यों , तुम इस तरह मौन रहते हो क्यों ? शरीर आहत , मन आहत , फिर भी अपनी आत्मा को और आहत करते हो क्यों ? मौन रहकर कमजोर दिखते रहते हो क्यों, क्या मिलेगा और क्या मिला अब तक , फिर भी हाल अपना ऐसा रखते हो क्यों ? ज़ुल्म सहते हो क्यों?? माना ये अंधेरा घना है, लेकिन देर तक हुकुमत कभी इसकी रहती नही । खुद के अंदर झाँक कर, कभी देखते हो क्यों नहीं ? अपने अंदर जो साहस, आत्मविश्वास की लौ है , फिर उसको कभी जलाकर देखते हो क्यों नहीं ? खुद के डर से , आँखे मिलाकर खड़े रहते हो क्यों नहीं? ज़ुल्म सहते हो क्यों , तुम इस तरह मौन रहते हो क्यों ? उठो! खड़े हो, इस अंधकार को अपने प्रकाश से दूर भगाते हो क्यों नहीं ? ज़ुल्म सहते हो क्यों? यूं तुम मौन रहते हो क्यों?? ज़ुल्म सहते हो क्यों? क्या तुम्हें बोलने की इजाज़त नहीं? ये अँधेरा घना है मगर देर तक इसकी रहती हुकूमत नहीं। #ज़ुल्म #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi