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उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था और उस सर्द सु

उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था और उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था,
और कमबख्त वक्त था कि मैं जा नहीं पाया था।
 उस सर्दी के मौसम मे लापरवाहीयो ने मुझे सुलाया था,
और वह यार ही था जो मेरे लिए सब छोड़ कर आया था।
हां नहीं करी परवाह मैंने उसकी नही करी कदर, 
नहीं दिया उसको मैंने वक्त अपना।
फिर भी बड़े प्यार से उसने मुझे समझाया था,
पहली बार मैंने दिल का हाल बताने वाला दर्पण पाया था।

लेखक - नवीन पाल इन्सां #Sard_subh_ki_mulakat 
#सच्चा_मित्र  My_Words✍✍ iBaDaT-e iShQ Amit Saini  Aditya prajapat  VED PRAKASH
उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था और उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था,
और कमबख्त वक्त था कि मैं जा नहीं पाया था।
 उस सर्दी के मौसम मे लापरवाहीयो ने मुझे सुलाया था,
और वह यार ही था जो मेरे लिए सब छोड़ कर आया था।
हां नहीं करी परवाह मैंने उसकी नही करी कदर, 
नहीं दिया उसको मैंने वक्त अपना।
फिर भी बड़े प्यार से उसने मुझे समझाया था,
पहली बार मैंने दिल का हाल बताने वाला दर्पण पाया था।

लेखक - नवीन पाल इन्सां #Sard_subh_ki_mulakat 
#सच्चा_मित्र  My_Words✍✍ iBaDaT-e iShQ Amit Saini  Aditya prajapat  VED PRAKASH