हमारे देश का तो ऐसा संस्कार न था हर रिश्ते में ब्यापार न था। क्यूँ इतना खो गए हम आज इस पैसे के बाजार में क्या लेकर जाओगे उस ख़ुदा के दरबार मे। हमारे देश का तो ऐसा संस्कार न था हर रिश्ते में ब्यापार न था। बाप बेटे में इतना तकरार न था धर्मों के बीच में तलवार न था। हमारे देश का तो ऐसा संस्कार न था.... हर रिश्ते में.…. हमारे देश का संस्कार।