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कुछ चटक सा गया है कोई फांस सी चूभ गई है जो कभी ब

कुछ चटक सा गया है 
कोई फांस सी चूभ गई है 
जो कभी बहुत अच्छा था 
हमारे बीच 
अब ठीक-ठाक भी नहीं है
इतनी तल्ख़ियां इतनी बेरुखी 
कैसे उग आई हमारे बीच
शायद गिली लकडी़
सा था इश्क हमारा
जो कभी ठीक से सुलग ही न पाया
वह पल भी क्या पल थे 
जब हर पल एक दूसरे के लिए थे
तेरी यादों का अभी 
दिल पर असर बाकी है
सब कुछ बह गया मगर 
फिर भी दरिया में 
मोहब्बत की कुछ लहर बाकी है
न जाने कितनी बार टूटी है मोहब्बत 
टुकड़ों टुकड़ों में
इश्क का सफल होने के बाद
क्या मरना तय हैं
कैसे इतनी तल्खी आ गई 
हम दोनों की जबान पर
अब सोचता हूँ कि
एकमुश्त विदा हो जाऊं
अच्छा नहीं लगता
यूं किश्तों में विदा होना
तुम्हारे ठहर जाने की.
बेवजह उम्मीद जगाती हैं
काश फ़िल्मो की तरह 
अपनी भी HAPPY ENDING होजाती ।।

©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) #काश #ऐसा #होता
कुछ चटक सा गया है 
कोई फांस सी चूभ गई है 
जो कभी बहुत अच्छा था 
हमारे बीच 
अब ठीक-ठाक भी नहीं है
इतनी तल्ख़ियां इतनी बेरुखी 
कैसे उग आई हमारे बीच
शायद गिली लकडी़
सा था इश्क हमारा
जो कभी ठीक से सुलग ही न पाया
वह पल भी क्या पल थे 
जब हर पल एक दूसरे के लिए थे
तेरी यादों का अभी 
दिल पर असर बाकी है
सब कुछ बह गया मगर 
फिर भी दरिया में 
मोहब्बत की कुछ लहर बाकी है
न जाने कितनी बार टूटी है मोहब्बत 
टुकड़ों टुकड़ों में
इश्क का सफल होने के बाद
क्या मरना तय हैं
कैसे इतनी तल्खी आ गई 
हम दोनों की जबान पर
अब सोचता हूँ कि
एकमुश्त विदा हो जाऊं
अच्छा नहीं लगता
यूं किश्तों में विदा होना
तुम्हारे ठहर जाने की.
बेवजह उम्मीद जगाती हैं
काश फ़िल्मो की तरह 
अपनी भी HAPPY ENDING होजाती ।।

©DEAR COMRADE (ANKUR~MISHRA) #काश #ऐसा #होता