के र,,, जब चला दोनों वीर उस बागड़ धाम ता, फेर दुश्मनों पा पड़ जावा है भारी। र,, फेर धड़ाके ता टूटा वो मैडी का ताला, जब राणा जी के जोड़े मैं दादा नाहर सिंह की आवा हैं सवारी । (जय हो राणा जी की, जय दादा नाहर सिंह दीवान 🚩) ©om_shiv_gorakhnath जय बाबा जी