खामोशियों ने डाल दिया डेरा वीरान हुआ दिल का आशियाना। कतराने लगे मिलाने को वो नज़रें शायद ढूंढ लिया नया आशियाना। ख्वाब सजने लगे थे जब जहन मे पलकों पे सज रहा था आशियाना। मैं चहकती फिरती थी सारे उपवन में जाने किस बात पर कर दिया वीराना। खामोशियों ने ड़ाल दिया डेरा वीरान हुआ दिल का आशियाना। ✍लक्ष्मीनरेश✍ #Bechain_man #naresh