कविताओं की जर्ज़र सभी इमारतें ढहाकर, मलबों से ईंट लूँगा, दुनिया नई गढूँगा नक्शे चुनूँगा जिनमें रमता हो जी तुम्हारा तुम्हें साहिर पसंद है न? साहिर को पढ़ूँगा :/शंकर #जिल्दसाज़ी ©Shankar Singh Rai #AndhaPyar #Love #Relationship #2words #worldpostday