✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सुकून केवल अपने आप ढूंढ़ने से ही मिलेगा ,अक्सर दूसरों से राय लेने पर एक नई उलझन या दोराहे ही मिलेंगें ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लेकिन -अगर -मगर -किन्तु -परन्तु -कैसे -क्यों -कब , इनके जवाब या तो जरुरत से ज्यादा सच्चे और तीखे होते हैं या होते ही नहीं हैं ...ये हमारी राह के स्पीड ब्रेकर हैं ..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अधिकांशतः लोगों को अपने समय के मूल्य का पता ही नहीं होता ,अक्सर इंटरव्यू में नौकरी पाने की चाह रखने वाला सामने वाले के हिसाब से हाँ में हाँ मिलाता है और इसी बात का भरपूर फायदा अमूमन सामने वाला लेता है ,कई बार तो नाजायज फायदा भी ..., आखिर में एक ही बात समझ आई की एक आदमी को तनख्वाह मिलते ही उसके परिवार की जरूरतें -जिम्मेदारियां -सामाजिक रीती रिवाज मिनटों में ही उसे अगली तनख्वाह मिलने की जरुरत का अहसास करा देती हैं ...! बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...! 🌹सुप्रभात🙏 🔯🔱 विकास शर्मा "शिवाया"🔱 🌈🚩🔯 ⚛️🔯☸️🪔🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' राह के स्पीड ब्रेकर