"वो लड़का अनजाना सा,जो शायद मुझ पे मरता है" चोरी-चोरी चुपके-चुपके,मुझको ताका करता है, दुनियाँ की वो परवाह न करता,मुझे देख के आहे भरता है, कुछ कहना है शायद उसको,राहो से जब वो गुजरता है, उसे देख धड़कने बढ़ती मेरी,गलियों में जब वो मिलता है, "वो लड़का अनजाना सा,जो शायद मुझ पे मरता है" हैरां है आईना ख़ुद भी अब,मुझें देख वो ख़ुद में संवरता है, जेहन में एक तस्वीर है उसके,नित-रोज-नये सपने संजोता है, "वो लड़का अनजाना सा,जो शायद मुझ पे मरता है" ©Kumar #वो_लड़का_अनजाना_सा #नोजोटोहिंडी indira 💎motivational_abdulla🇮🇳✍️ Gayatri Zade