दुनियां में हमनें दुकानें बहुत देखी जो जी चाहा खरीदता गया, अचानक एक दिन मेरी खुशी खो गयी, आज कहा मैंने दुकानदार से, दे दो मुझे मेरी खुशी, दुकानदार ने हंस कर कहा, पगले खुशी की कोई दूकान नहीं होती, मैंने फिर कहा दे दो मुझे मेरी खुशी या बता दो ये खुशियाँकहाँ बिकती है, आज उसने कहा जहाँ चाहत है ,वहीं खुशी है खुशी