(तुम मेरे लिए) मेरे अपनों से भी ज़्यादा तुझे चिंता थी मेरी। तेरी इसी चिंता से तो हस्ती ज़िन्दा थी मेरी। हो जाया करते थे जिस दिन भी नाराज़ तुम। ये साँसे भी चलने को तड़पा करती थी मेरी। हाँ तुम थे मेरे लिए उस ख़ुदा से भी बढ़कर। तुम्हारी जान में ही तो जान रहा करती थी मेरी। तुम्हारे प्यार से महकता था मेरे दिल का बागवां तुम्हारे प्यार से ही तो थी मेरे जीवन मे खुशहाली। तुम्हारी अदा करती थी मेरे लिए काम दवाओं का तुम्हारी मुस्कुराहट से ही तो तबियत सुधरती थी मेरी। Harsh dubey